how to learn the car driving

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कार सीखने के लिए Tips – How to learn the car driving 

दोस्तों अगर आप कार चालक (become car driver) बनना चाहते हो तो इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें जिसमे आपको how to learn the car driving से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। 

आजकल जेसे मोबाईल हमारी देनिक जीवन का हिस्सा बन गया हे ठीक उसी प्रकार ड्राइविंग (driver) भी हामारे जीवन का हिस्सा बनता चला जा रहा हे।

खासकर इस कोरोना जेसी महामारी को देखते हुए। हम सब पब्लिक वाहनों से बचकर खुद ही दों पहिया या चार पहिया वाहन चलाकर अपनी यात्रा पूरी करते हे। क्योंकि  हर इंसान को एक जगह से दूसरी जगह जाना होता हे।

हमें एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने मे ड्राइवर हमारी मदद करता हे फिर ऑटो हो बस हो या पर्सनेल कार हो। हम सब के जीवन मे ड्राइवर की अहम भूमिका हे।

इसलिए हम सब चाहेंगे की जिस गाड़ीं हम हो उसका ड्राइवर कुशल ड्राइवर होना चाहिए। जो हमें हमारे गंतव्य (destination )तक समय पर ओर सुरक्षित तरीके से पहुँच सकें।

 

Definition of DRIVER

D:- discipline अनुशासन

R:- respect आदर भावना  

I:- intelligent बुद्धिमान

V:- vision दूरदर्शिता

E:- efficient कार्यकुशल

R:- responsibility जिम्मेदार

 

Eligibility to become Driver  

ड्राइवर के लिए योग्यता

  • सबसे पहले ड्राइवर के पास ड्राइवर लाइसेंस होना चाहिए। ओर लाइसेंस के लिये 18 वर्ष की उम्र होना चाहिए।
  • ड्राइवर शारीरिक ओर मानसिक रूप से स्वस्थ्य होना चाहिए
  • गाड़ी चलाने से पहले नींद पूरी कर लेना चाहिए।
  • ड्राइविंग लाइसेंस हमेशा साथ होना चाहिए।

Reason of road accident :- दुर्घटना के कारण 

सम्पूर्ण भारत मे हर वर्ष सड़क दुर्घटना का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हे। एक्सीडेंट होने के कई कारण हो सकते हे। मगर एक सकुशल ड्राइवर होने से हम दुर्घटना से बच सकते हे। क्योंकि अधिकांश एक्सीडेंट ड्राइवर की गलती से होते हे। उन्मे मुख्यतः कारण निम्न हे।

  • ओवेरसपीड (overspeed)
  • रोड की सही जानकारी नहीं होना
  • नशा करके गाड़ी चलाना
  • रोड पर फिसलन होना

 

How to learn the car driving-  गाड़ी  चलाने के सही तरीके 

1.   जब हम गाड़ी मे बैठते हे। उस समय हमे अपनी सीट की position ओर अपनी पोसीसन आरामदायक होना चाहिए जिससे हम     आसानी से गेयर,क्लच, एक्सिलटर ओर स्टिरिंग घुमाया जा सके।

2.   गाड़ी को इग्निशन मे लगाकर तुरंत गाड़ी स्टार्ट नहीं करना चाहिए। चाबी को इग्निशन मे लगाकर 10 से 15 सेकंड तक रुकना चाहिए ताकि फ्यूल पम्प फ्यूल को टंक से कार्बोरटॉर तक पहुँच सके। इससे फ्यूल पम्प की लाइफ बढ़ेगी।

3.   गाड़ी स्टार्ट करते समय क्लिच को दवाकर रखना चाहिए। जिससे हमारी क्लिच प्लेट ज्यादा दिन तक चलती हे।

4.   गाड़ी स्टार्ट होने के बाद कम से कम 30 सेकंड तक गाड़ी को चालू करके रखें। तेज एक्सिलटर नही देना चाहिए। सर्दियों मे एक मिनिट तक आइडियल कन्डिशन मे रखना चाहिए उसके बाद गाड़ी चलाना चाहिए । जिससे इंजन की लाइफ बढ़ती हे ।

          कारण:- जब रात मे गाड़ी खड़े करते हे या गाड़ी काफी समय से 10 से 24 घंटे खड़ी रहती हे तब इंजन का सारा ऑइल सम्प मे चल              जाता हे। इंजन ड्राइ  हो जाता हे । एसा करने से इंजन मे घिसावट आती हे। इसलिए तुरंत गाड़ी चालू करने के बाद एक्सिलटर देने से बचें।

5.   गेयर लगाने के बाद, हाथ को व्यर्थ गेयर लीवर पर नया रखें। हाथ को वापस स्टिरिंग पर रखें।

6.   गाड़ी चलाते समय स्टिरिंग को दोनों हाथ से पकड़ना चाहिए ओर हाथों की पोजीसन 10 ओर 2 बजे की लाइन पर होना चाहिए । इससे गाड़ी पर अच्छा कंट्रोल होगा।

7.   बिना बजह ज्यादा ब्रेक ओर एक्सिलटर का प्रयोग न करें। ये सब करने से आपकी गाड़ी माइलेज अच्छा नहीं देगी।

8.   जब भी गाड़ी कहीं ले जाते हो एक बार गाड़ी के चारों टायर ओर उसके नीचे अवश्य देखें। गाड़ी के नीचे कोई जानवर जेसे बिल्ली, कुत्ता हो सकता हे।

9.   रात मे गाड़ी हमेशा कम बीम (low beam ) मे चलाना चाहिए।

 

Precaution while driving – सावधानियाँ

  • गाड़ी को reverse यानि पीछे करते समय सावधानी बरतें।
  • लंबी दूरी के सफर पर अकेले गाड़ी चलाकर न जाएं। साथ मे एक ड्राइवर होना जरूरी हे। जिससे आराम मिलेगा। अगर दूसरा कोई नहीं हे तो लंबी दूरी के दौरान ब्रेक journey मे आराम लें।
  • गाड़ी मे first aid kit प्राथमिक उपचार किट होना जरूरी हे। ये ईमर्जन्सी मे कभी भी काम आ सकती हे।
  • साथ मे  टूल किट (tools kit) होना जरूरी हे। जो टायर बदलने ओर गाड़ी रिपेयर मे काम आती हे।
  • वाहन  मे spare wheel होना चाहिए। जिसमे फूल हवा भरी होनी चाहिए।
  • गाड़ी को overload (ज्यादा भरना) नहीं करना चाहिए ।
  • वाहन  के आगे पीछे रिफ्लेक्टर स्ट्रिप लगाना चाहिए। जिससे अंधरे मे गाड़ी की पज़िशन पता चलता हे।
  • हमेशा सीट वेल्ट पहनकर चलना चाहिए
  • Car मे पीछे ओर वगल मे देखने के लिए शीशा (rear & side view) होना चाहिए।

ड्राइवर के लिए हिदायतें :-

क्या करना चाहिए ओर क्या नहीं

DO’S 

  • गाड़ी हमेशा स्पीड लिमिट के हिसाब से चलाना चाहिए।
  • गाड़ी हमेशा चोटी सड़कों पर बाईं तरफ ओर बड़ी सड़कों पर अपनी लैन के हिसाब से चलाना चाहिए।
  • बाजार मे चोटी गाड़ी को पहले रास्ता देना चाहिए।
  • सड़क पर बच्चों ओर बूढ़ों का ख्याल रखना चाहिए।
  • हमें रोड सिग्नल ओर ट्राफिक सिग्नल का पालन करना चाहिए।
  • फॉग के समय फॉग लाइट का इस्तेमाल करें।
  • आप जिस गाड़ी को चलाते हे उसका टेक्निकल डाटा की जानकारी अवश्य रखें।
  • समय समय पर गाड़ी की सर्विस कराएं।

Note:- रोड सिग्नल ओर ट्राफिक सिग्नल अलग- अलग होते हे।

  • सही समय पर सही इन्डकैटर का प्रयोग करें।

DONT’S

  • शराब पीकर या कोई ओर नशा करके गाड़ी न चलाएं
  • ओवर स्पीड ना चलाएं
  • ओवर कान्फिडन्स होकर गाड़ी न चलाएं
  • वेबजह ओवर्टैक न करें ।
  • हॉर्न का इस्तेमाल ज्यादा न करें
  • अस्पताल ओर स्कूल के पास हॉर्न के बजह स्पीड काम रखें।
  • ब्रेक का काम हॉर्न से न करें।

 

धन्यवाद दोस्तों इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने के लिए। 

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